गैस हाइड्रेट प्राकृतिक रूप से निर्मित वाटर-मोलेक्यूल्स का ठोस समाविष्ट हिस्सा है जो मिथेन गैस मोलेक्यूल्स कम मोल्युकुलर वनज वाली चारों ओर केजेस का एक ताकतवर जाल निर्मित कर देता है | गैस हाइड्रेटस समुद्री सतह के नीचे के साथ-साथ विश्व के स्थायी हिमाच्छादित क्षेत्रों में पाया जाता है । भारत की प्रासंगिक तथा बढती ऊर्जा मांग को ध्यान में रखते हुए एंनजीएचपी एक राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है । यह कार्यक्रम एनजीएचपी की एक स्टीयरिंग तथा तकनीकी समिति के गठन के साथ 1997 में आरंभ हुआ । तकनीकी समिति द्वारा सिस्मिक डाटा पर आधारित समीक्षा के आधार पर, भारतीय जल में दो क्षेत्रों, एक पूर्वी तट पर को सहारे तथा दूसरे पश्चिमी तट पर आगामी अनुसंधान एवं विकास कार्य के लिये “ मॉडल प्रयोगशाला क्षेत्रों ” के रूप में चिन्हित किया गया है । हाइड्रोकार्बन निदेशालय इस कार्यक्रम के संयोजक हैं । इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा के लिए तेल व गैस निदेशालय द्वारा एक स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है | ते.उ.वि.बोर्ड ने एन.जी.एच.पी. के अंतर्गत विभिनन गतिविधियों के लिए स्वीकृत 200 करोड़ रूपये में से 31 मार्च 2012 तक उसे 141 करोड़ रूपये दिये हैं 

गैस हाइड्रेट कोरिंग/वेघन कार्यों के लिए भू-भौतिक, भू-वैज्ञानिक तथा भू-रासायनिक डेटा के आधार पर क्षेत्रें की पहचान की गई । एनजीएचपी के अन्तर्गत गैस हाइड्रेट की कोरिंग/वेघन/एल डब्ल्यू डी/एमडब्ल्यूडी गतिविधियाँ भारत के चार तटवर्ती क्षेत्रों में दिनांक 28 अप्रैल 2006 से 19 अगस्त 2006 तक ओवरसीज ड्रीलिंग लिमिटेड (ओडीएल), फूग्रो मैककैलैंड मेरिन जियोसाइंसस, जियोटेक लिमिटेड, लेमंट-डोहर्थो अर्थ ओबसरवेटरी (एलडीईओ) तथा कई विश्वविद्यालयों तथा राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक के एक संघ के माध्यम से चलाई गईं 

एनजीएचपी द्वारा भारत के समुद्री क्षेत्रें में गैस हाइड्रेट अन्वेषण के लिए किए गये प्रयास निम्नलिखित है:-

  1. पैसिव कॉन्टीनैंटल मार्जिन तथा मेरिन एकरीशनरी वेज सैटिंग दोनों में गैस हाइड्रेट युक्त समुद्री तलछट का व्यापक विश्लेषण किया गया 
  2. कई जटिल भू-वैज्ञानिक स्थापनाओं में गैस हाइड्रेट की खोज तथा गैस हाइड्रेट कोरों की अभूतपूर्व संख्या का संचयन (21 स्थलों तथा 39 छिद्रों से 2800 मीटर से ज्यादा)
  3. विश्व में अभी तक खोजे गए समृद्घ समुद्री गैस हाइड्रेट संचयों में से एक की (कृष्णा, गोदावरी, बेसिन) रूपरेखाकंन व प्रतिदर्शन 
  4. अभी तक पहचान किए गए सबसे घने व गहरे गैस हाइड्रेट की उपस्थिति को खोजना (अंडमान द्वीप समुह) जोकि समुद्री सतह से 600 मीटर नीचे तक गैस हाइड्रेट युक्त ज्वालामुखी राख की परतों को दर्शाता है 
  5. बंगाल की खाड़ी कें महानदी बेसिन में एक पूर्ण विकसित गैस हाइड्रेट प्रणाली की स्थापना 
     

अध्ययन जनवरी 2008 तक पूरा हो चुका है | परियोजना के लिए मैसर्स गेल इंडिया लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड तथा ओएनजीसी तथा ओआईएसडी प्रत्येक ने इस परियोजना के लिए रूपये 19 करोड़ का योगदान दिया 


अंतिम अद्यतन तिथि: 18/04/2024
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