तेल उद्योग (विकास) अधिनियम, 1974 की धारा 6 में अन्य बातों के साथ - साथ यह प्रावधान किया गया है कि तेल उद्योग के लिए उपयोगी वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बोर्ड द्वारा सहायता प्रदान की जा सकती है | हाइड्रोकार्बन विज़न 2025 में भी परिकल्पना की गई है कि तेल उद्योग विकास बोर्ड उपकर व अन्य नवीन संसाधन जुटाने के दृष्टिकोण के माध्यम से गैर-अन्वेषित / आंशिक रूप से अन्वेषित स्थाननों के मूल्यांकन के लिए पर्याप्त संसाधनों को उपलब्ध कराया जा सकता है | 

अपस्ट्रीम क्षेत्र्

अपस्ट्रीम क्षेत्र को तेउविबो द्वारा सहायता अनुदान के संबंध में तेउवि बोर्ड ने दिनांक 27.03.2014 को आयोजित अपनी 76वीं बैठक में निर्णय लिया कि तेउविबो द्वारा उनके कार्यान्वयन हेतु अनुदान के रूप में निधियां प्रदान करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजना / परियोजनाओं की पहचान करने और जांच करने के लिए महानिदेशक, डीजीएच की अध्यक्षता में तथा तेउविबो के अध्यक्ष द्वारा नामित किए गए अन्य सदस्यों को शामिल करते हुए एक समिति गठित की जा सकती है |
     
महानिदेशक, डीजीएच की अध्यक्षता में गठित समिति, जिसमें सचिव, तेउविबो, निदेशक (अन्वेषण) - ओएनजीसी, निदेशक - आईआईपी, देहरादून, निदेशक (अनुसंधान और विकास) - आईओसीएल, निदेशक (तकनीकी) - ईआईएल तथा महानिदेशक - पेट्रोफेड अथवा उनके नामांकित व्यक्ति शामिल हैं के द्वारा प्रथम अवलोकन के अंतर्गत इन परियोजनाओं का निरीक्षण करती है और अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करती है | समिति की सिफारिशें तेउवि बोर्ड को निर्णय लेने के लिए प्रस्तुत की जाती हैं | वे परियोजनाएं जिन्हें  तेउवि बोर्ड द्वारा 25 लाख रुपए से अधिक परिव्यय के साथ अनुमोदित किया जाता है उन्हें तेउवि बोर्ड के नियम 24 (1)(2) की शर्तों पर अनुदान जारी करने से पूर्व केंद्रीय सरकार को प्रेषित किया जाता है | 1988-89 के समय से, तेउवि बोर्ड / केंद्रीय सरकार द्वारा अब तक 51 से अधिक परियोजनाओं जिसकी अनुमानित लागत 234 करोड है, को अनुमोदित किया गया है | इनमें से अधिकांश परियोजनाओं के कार्य संपन्न हो चुके हैं 

डाउनस्ट्रीम क्षेत्र 

मंत्रालय द्वारा हाइड्रोकार्बन पर गठित वैज्ञानिक सलाहकार समिति (एसएसी) डाउनस्ट्रीम सेक्टर से संबंधित परियोजनाओं पर विचार कर अपनी संस्तुतियां प्रदान करती है।  ये परियोजनाएं मुख्यतः सीएचटी के माध्यम से वित्त पोषित की जाती हैं। वैज्ञानिक सलाहकार समिति की अध्यकक्षता श्री एम.बी.लाल, पूर्व प्रबंध निदेशक, हिन्दुजस्ताोन पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा की जाती है। वैज्ञानिक सलाहकार समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य तेल उद्योग क्षेत्रों से संबद्ध महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। जिसमें सचिव, तेउविबो भी सदस्यउ हैं। इस समिति का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है जिसके पश्चात इसे पुनर्गठित किया जाता है। हाइड्रोकार्बन के लिए गठित वैज्ञानिक सलाहकार समिति अपनी बैठकों में डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों की अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा करती है।


अंतिम अद्यतन तिथि: 18/04/2024
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